1- बात-बात पर वह तकरार करती है मैं मानता हूं कमाई कम है घर चलाना मुश्किल है दिल से ऐसे उजड़ चुका हूँ अब घर बसाना मुश्किल है 2- सोचा था तुम्हारे साथ जुड़कर जिंदगी बदल जाएगी मगर यह सोच ही नहीं पाया असल जिंदगी में जो होने वाला था दिल में जो मोहब्बत थी उस मोहब्बत का जनाजा निकल चुका है 3- इंतजार था अपने दिल के जज्बातों का उनसे इजहार करने का सिर्फ आस रह गई वह मेरे गलियों में आए ही नहीं 4- हम अपने आप को बदल लेंगे पहले तुम खुद को बदलने की कोशिश करो जो देखे हैरान रह जाए कुछ ऐसे मोहब्बत करो
हिंदी शायरी | शायरी संग्रह | लव शायरी | Hindi shayari | shayari Sangrah | love shayari