1-मै डूबता रहा ,उस बेवफ़ा के सामने, उसे तैरना भी आता था, अपने जान से भी ज्यादा जिसे चाहा उम्र-भर, आज उसका मुझे डुबाने का इरादा था
2-ज़िंदगी धीरे धीरे फुटपाथ पर आने लगी
ए बेवफ़ा तेरी मोहब्बत में, डरता हूँ आज-कल इस बात से, कही दाग न लग जाये मेरे इज्जत में
3-क्या पता ज़िंदगी किस मोड़ पर हमें अकेला छोड़ जाये, यू जैसे कोई मुझसे नाता न हो, कितना भी उससे प्यार कर ले ,कितना भी आह भर ले उसके लिए तड़प के मर जाये, फिर भी उसे रोक पाता न हो