बड़ी मेहनत से जो वफ़ा के फूल, लगाये थे हमने, आज उस फूल की खुशबू बेवफ़ा सी, लाचार खुद से मै हो गया, जिसको कभी गैर समझ नहीं, आज हमसे वो ख़फ़ा सा है, अजब से कशमकश, मै जी रहा हूँ, आज मन मेरा दिल से जुदा सा है
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