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जून, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शायरी-बड़ी मेहनत से जो वफ़ा के फूल

बड़ी मेहनत से जो वफ़ा के फूल, लगाये थे हमने, आज उस फूल की खुशबू बेवफ़ा सी, लाचार खुद से मै हो गया, जिसको कभी गैर समझ नहीं, आज हमसे वो ख़फ़ा सा है, अजब से कशमकश, मै जी रहा हूँ, आज मन मेरा दिल से जुदा सा है

शायरी-मै डूबता रहा

1-मै डूबता रहा ,उस बेवफ़ा के सामने, उसे तैरना भी आता था, अपने जान से भी ज्यादा जिसे चाहा उम्र-भर, आज उसका मुझे डुबाने का इरादा था 2-ज़िंदगी धीरे धीरे फुटपाथ पर आने लगी ए बेवफ़ा तेरी मोहब्बत में, डरता हूँ आज-कल इस बात से, कही दाग न लग जाये मेरे इज्जत में 3-क्या पता ज़िंदगी किस मोड़ पर हमें अकेला छोड़ जाये, यू जैसे कोई मुझसे नाता न हो, कितना भी उससे प्यार कर ले ,कितना भी आह भर ले उसके लिए तड़प के मर जाये, फिर भी उसे रोक पाता न हो

शायरी-तुम साथ देना हमसफ़र बनके

1-तुम साथ देना हमसफ़र बनके दुनियाँ की फब्तियों से बेख़बर बनके  बदल देते है लोग दिमाग़ बातों से  राज करती रहना मेरे दिल पर हर वक्त असर बनके 2-तुम्हरी याद मे सुबह होगी तुम्हारी यादों मे शाम होगी हम तुम्हारा पिछा नहीं छोड़ने वाले बेशक तेरा प्यार मे मेरी ज़िंदगी बर्बाद होगी 3-फैलाओं इतना, अपने हुस्न का जलवा असर दिवानो के दिल तक जाये छेड़े हर कोई, दिल का अफ़साना मगर तेरा प्यार को भी न पाये 4-तुम मुझे जितना चाहे बर्बाद कर लो मै सिर्फ तुमसे प्यार करूगा हो सकता है तुम्हारी नज़र हमारी वफा पर पड़े तुम्हें खुद अपने कर्मो से शर्मिंदा होकर संमलने का मौका मिले

शायरी-सपने उनके सच होते हैं

1-सपने उनके सच होते हैं जो सपने को खुली आँखों से देखते हैं बन्द आँखो से देखे गये सपने नींद खुलने के बाद टूट जाते हैं 2-कास उनके दिल की हक़ीक़त को समझ पाया होता अपने दिल के अरमानों को उनसे कह पाया होता लोग उनको बहला-फुसला नहीं पाते जो हर वक्त उनके साथ रह पाया होता 3-ये बेवफ़ा हमने अपनी मोहब्बत को आंशुओ से धोया है ये आँखों के आंशू सुखे हुए है इन आँखो की गहराई में उतर कर देखो हम कितना रोए है 4-फूलों की तरह ज़िंदगी में महकती रहना प्यार बन के उम्र भर बरसती रहना हो जाये कोई ख़ता मुझसे अगर देके सज़ा माफ़ करती रहना