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अप्रैल, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फासलों में प्यार की उम्मीद बाकी रह गई

फासलों में प्यार की उम्मीद बाकी रह गई करीब उसको लाने की आस बाकी रह गई जिसके बिना जिंदगी का गुजारा हो नहीं सकता वह प्यास बाकी रह गई व्यवस्था बिगड़ जाती है जब कोई दिल तोड़कर जाता है जान निकल जाती है जब कोई हमसफर बनने का वादा करें अधूरा छोड़कर कहीं और निकल जाए

शायरी-दिल के दर्द को बयान

                      Shayari   दिल के दर्द को बयान करने से कोई फायदा नहीं उसके दिल में जरा सी मोहब्बत नहीं है नफरतों की लौ जल रही है मेरा कसूर क्या है अभी तक समझ नहीं पाया बेवफा क्यों हुई कारण ढूंढने में लगा हूं किसी दुखी और मजबूर इंसान को देखकर कोई खुश हो तो समझ लेना उससे क्रूर व्यक्ति दुनिया में दूसरा और कोई नहीं हो सकता

शायरी-तन्हाई में मेरा दम घुट रहा है

तन्हाई में मेरा दम घुट रहा है कोई वफा का दरिया मिले जिसमें डूब जाए जो ऐसे हालात बने रहे गम इतना है जनाजा निकलने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा  मैं एक-एक पैसा जुटाता रहा घर परिवार बनाता रहा खुशियों में गुजरी जिंदगी भाग्यवान हूं जो खुदा ने इतना दिया है मोहब्बत के नाम पर धोखा मिला है कांटो का चुभन दर्द मिला है काश वक्त रहते उनके इरादों को समझ सका होता जिंदगी में इतनी ज्यादा तकलीफ नहीं होती पैसो के पीछे भागते हुए थक जाओगे थोड़ा ठहर कर देखो जिंदगी को थोड़ा आराम चाहिए

निरंतर अभ्यास करने वालों को

निरंतर अभ्यास करने वालों को सफलता जरूर मिलती है जो एक दो बार हारकर प्रयास करना छोड़ देते हैं उनके लिए मंजिल आस बनकर रह जाती है हार के कारणों को समझकर जो प्रयत्न जारी रखते हैं मंजिल उनको हासिल हो जाती है पर्दा लगाकर रखना हर सामान पर सबकी नजर अच्छी नहीं होती कुछ अच्छे भले लोगों का ईमान डगमगाते हुए देखा है

शायरी-जिंदगी मिली है अच्छा परिवार मिला है

जिंदगी मिली है अच्छा परिवार मिला है सद्भावना रखते हैं अच्छा संस्कार मिला है हर कोई प्यार करता है हर कोई चाहता है मुझे खुशियों का संसार मिला है  अहंकार उसके रग रग में है उसका इतराना देखकर हैरान रहता हूं आखिर खुदा ने किस घड़ी में बनाया होगा

शायरी-खुशनसीब हूं

खुशनसीब हूं यूं ही आपका प्यार मिलता रहे ये सिलसिला उम्र भर चलता रहे टूटकर चाहती हो मुझे इस तरह इसलिए प्यार पर विश्वास जिंदा है  चुभन होती है जब वह बेवफा मेरे सामने से उसकी बाहों में बाहें डालकर गुजरती है दिल ही दिल में ऐड कर रह जाता हूं हारा हुआ आशिक मजबूर हूं

शायरी- सिर्फ जुगाड़ में रह गया

सिर्फ जुगाड़ में रह गया कोई आया नहीं मेरे दिल के गरीब खाने में अकेलापन मेरे दिल में महसूस होता है ऐसा लगता है प्यार अपने मुकद्दर में नहीं है मैं आपके करीब नहीं आ पा रहा हूं या फिर आप मुझसे दूर भाग रहे हो आजकल इस हिसाब किताब में जुटा हूं हम दोनों के मोहब्बत में कितना वक्त लगेगा

शायरी-तकलीफ हद से ज्यादा होती है

तकलीफ हद से ज्यादा होती है अपना बनाकर छोड़ गई मेरे तरफ देखना भी गुनाह समझती है रिश्ता ऐसे तोड़ गई फिर भी मेरा दिल उसे गैर मानने को तैयार नहीं होता गुस्से में अपनों को बर्बाद कर देने के बारे में सोचना भी गलत है गुस्सा ठंडा होने पर पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता

शायरी-तुम्हें पाने के बाद

तुम्हें पाने के बाद जिंदगी में कुछ और पाने की इच्छा शेष नहीं बचती है तुम्हें पाकर जिंदगी मिल गई है जिंदगी के हर ख्वाब पूरे हो गए यह आपकी इनायत है खुशियों में हर दिन गुजरता है कोई कमी महसूस नहीं होती

शायरी-तुम्हारे आने जाने से मुझे उम्मीद रहती है

तुम्हारे आने जाने से मुझे उम्मीद रहती है धीरे धीरे तुम मुझे प्यार करने लगोगे ख्वाब पूरे हो जाएंगे जिंदगी में कोई कमी न रह जाएगी जिसे अपनाने की कोशिश मैं करता रहा दूर भागते रहे मुझसे ना जाने क्यूं एक सवाल पूछना है जब वह इतना प्यार करती है मोहब्बत में फासलों से दिल को जलाती है क्यूं हर रोज चाहते हैं एक मुलाकात हो जाए मन की बातें कहकर दिल को आराम हो जाए तुम हमसफर बन जाओ फिर कोई फर्क नहीं पड़ता हम तुम्हारे इश्क में चाहे जितना बदनाम हो जाए  उनके दिल में मेरे लिए कितना मोहब्बत है इसका असर देखना चाहता हूं जहां सिर्फ खुशियों का संगम हो खूबसूरत ऐसी जिंदगी चाहता हूं

शायरी-हल्का सा छूने गुलाब की पंखुड़ियां टूट जाती है

हल्का सा छूने पर गुलाब की पंखुड़ियां टूट जाती है यही मोहब्बत का हाल है गलत तरीके से छूने पर मोहब्बत छूट जाती है अभी हमने नींव रखी थी मोहब्बत का आशियाना बनाना था यहां पर कुछ लोग मुझे हटाने आ गए यहां पर अपना हक जमाने आ गए रात के अंधेरे में कुछ कीड़े उजाले को देखकर चले आते हैं थोड़ी सी चमक पाने के लिए अपना अस्तित्व खो देते हैं इतना गुरुर मत करना लोग तुमसे नफरत करने लगे अहंकार खुद का ही नुकसान करता है

शायरी-जिंदगी ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हुई

जिंदगी ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हुई एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई अब सिर्फ खुदा का भरोसा है कोई चमत्कार हो जाए सुकून भरी जिंदगी जीने का मौका मिले असफल होकर मात पाने का कारण ढूंढ पाया हूं इस बार उम्मीद है मंजिल हासिल हो जाएगी  तुम्हारे मोहब्बत की मेरे दिल पर ऐसी परत जम गई है ख्वाबों में रोज आती हो तुम्हारे यादों में बेचैन रहता हूं तुम्हें भुलाकर जीना आसान नहीं होगा तुमने बड़े आसानी से कह दिया मुझे भूल जाओ ये आंखें नम होकर बार-बार कहती हैं तुम्हें भूल पाना संभव नहीं है

शायरी-हम जिंदगी का बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं

हम जिंदगी का बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं कांटों भरी राहों का चुभन दर्द झेले हैं हमारी काबिलियत को देखकर लोग सीखते हैं ऐसी हालात होते हुए भी शिखर पर चढ़ा हूं वह बेवफा होकर दिल के दर्द को बढ़ा गई वक्त बदलेगा हर दर्द का इलाज मिल जाएगा तकलीफ दूर होगी मगर धीरे-धीरे उसे कितना भी प्यार करो वह कहती है कि मुझे प्यार नहीं करते जुगाड़ लगाता हूं उसको खुश करने को फिर भी  नुक्स मिल जाता है उसको गुस्सा करने को जिसकी मुझे चाहत है तुम वह हर चीज की इजाजत दे देती हो इसीलिए अच्छे-अच्छे ख्वाब आने लगे हैं मन का पंछी आसमान छू रहा है

शायरी-अपने बेकसूर दिल के दर्द को दिखा नहीं सकता

अपने बेकसूर दिल के दर्द को दिखा नहीं सकता उस बेवफा की बेरहमी किसी को बता नहीं सकता यहां खुद अपनी तौहीन होती है इज्जत को यूंही हवा में उड़ा नहीं सकता अभी चाहतों की दीवार बनाना शुरू किया जलन रखने वाले लोग उसे गिराने आ गए कुछ भी नहीं था उन कमबख्त का फिर भी हक जमाने आ गए

शायरी-जिस तरह धीरे-धीरे एक दूजे के करीब आ रहे

जिस तरह धीरे-धीरे एक दूजे के करीब आ रहे हैं ऐसा लगता है मोहब्बत हो जाएगी अपनी आंखों से यूं ही जाम पिलाती रहो फिर मयखाने को हम ना जाए कभी अभी तक मोहब्बत से अनजान था इश्क क्या चीज है इसका एहसास होने लगा है  दिल की गलियों में रौनक रहती है तेरे आने जाने से डर लगता है कोई खता ना हो जाए इस दीवाने से

शायरी-यह सच है इंसान को परिवार में

यह सच है इंसान को परिवार में जैसा संस्कार मिलता है वह वैसा ही कार्य करता है किसी को 2 दिन समझाकर उसके चरित्र में परिवर्तन लाना असंभव है दिल जब टूटता है बहुत तकलीफ होती है कभी खुद को कोसते हैं कभी उस बेरहम पर गुस्सा आता है मगर क्या करें हम शरीफ कितने हैं हर दर्द को घुट-घुटकर सह लेते हैं उसकी बातें कभी मीठी तो कभी नमकीन लगती है और कभी-कभी मिर्च के जैसी तीखी भी होती है मुझे आदत हो गई है हर स्वाद चखने की नहीं तो हम बहुत पहले अलग हो गए होते